उत्तराखंडमुद्दा गरम है

*आश्रम व स्कूल बनाने के नाम पर करोड़ो की धोखाधड़ी*

गैग पहले हरिद्वार के व्यापारी से भी कर चुका है ठगी

एसएसपी ने संज्ञान लेकर 16 के विरूद्ध दर्ज कराया मुकदमा
गिरफ्तारी के लिए गठित की अलग-अलग टीमें

देहरादून। ठग गैंग ने मिलकर जमीन खरीदने के नाम पर उत्तराखण्ड के लोगों को ठगी का निशाना बनाया हुआ है। जिसके चलते गैंग न मोटे मुनाफे का लालच दिखाते हुए गोविन्द सिंह पुण्डीर को अपना शिकार बनाते हुए सात करोड 32 लाख की ठगी कर ली है। इसकी प्रकार इस गैग ने थाना बसंत बिहार क्षेत्र अंन्तर्गत जमीन खरीदवाने के लिए हरिद्वार के व्यापारी से भी करोड़ो की ठगी की थी।
गोविन्द सिंह पुण्डीर ने थाना राजपुर पर लिखित तहरीर दी कि वह जमीन खरीद-फरोख्त का कार्य करते हैं, अगस्त 2023 में अमजद अली पुत्र युनुस अली निवासी छुटमलपुर देहरादून हाल निवासी जोहडी गांव सिनोला राजपुर ने उनसे बडे भाई से सम्पर्क कर बताया कि बुढादल समिति नादेड महाराष्ट्र के बाबा अमरीक सिंह स्कूल व आश्रम बनाने के लिये जमीन देख रहे हैं तथा उनसे जमीन क्रय करने से पूर्व उक्त जमीन की मिट्टी बाबा को उपलब्ध कराने तथा उसके उपरान्त ही जमीन खरीदने की बात बताई गयी। जिस पर वादी के बडे भाई ने उन्हें जमीन की मिट्टी उपलब्ध कराई गयी। कुछ समय पश्चात सितम्बर 2023 में अमजद अली, राम अग्रवाल, सचित गर्ग उर्फ छोटा काणा, मुकेश गर्ग उर्फ बडा काणा, सुमित बसंल, अर्जुन शेखावत, रणवीर, अदनान द्वारा उनके बडे भाई के पास आकर उन्हें बताया कि जमीन की मिट्टी पास नहीं हो पाई है तथा करनाल हरियाणा में कुछ किसान अपनी जमीन बेच रहे हैं, जिसकी मिट्टी बाबा ने पास कर दी गई है, संस्था से जुडा होने के कारण हम सीधे इस जमीन को नहीं खरीद सकते हैं, हमारी किसानों से बात हो चुकी है, आप उक्त जमीन को किसानों से अपने नाम पर 40 लाख रूपये प्रति किला के हिसाब से खरीद लो, जिसे हम बाद में 2 करोड 15 लाख रूपये प्रति किला के हिसाब से बाबा को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
जिस पर वादी द्वारा उक्त जमीन को क्रय करने की एवज में किसानों से सम्पर्क कर चौक व नगदी के माध्यम से कुल 21 लाख रूपये का भुगतान किया गया। उसके पश्चात बाबा अमरीक सिंह व अन्य ने देहरादून आकर 51 करोड 60 लाख रूपये का चेक वादी को दिखाकर बताया कि संस्था ने जमीन के लिये धनराशि स्वीकृत कर दी है तथा उक्त सौदे की धनराशि वादी को तभी प्राप्त होगी जब वादी ने धनराशि का 3 प्रतिशत संस्था में जमा किया जायेगा। जिस पर वादी द्वारा अपने रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर डेढ करोड रूपये उन लोगों को दिये गये।
इसके बाद आरोपियों नवम्बर 2023 में वादी को रजिस्ट्री के लिये करनाल बुलाया गया, यहां उन्होंने वादी को पैसों से भरा बैग तथा बैंक ड्राफ्ट दिखाते हुए बताया कि जमीन के मालिक की तबियत खराब होने के कारण अभी रजिस्ट्री सम्भव नहीं है, रजिस्ट्री के लिये वादी को बाद में दोबारा करनाल आना होगा। इस दौरान आरोपियों बाबा अमरीक सिंह से वादी की मुलाकात कराई गई। रजिस्ट्री के लिये आरोपियों वादी को पुनः दिसम्बर 2023 में करनाल बुलाया गया। इस दौरान उन्होंने वादी से सम्पर्क कर बताया गया कि जमीन की खरीददारी के लिए जो पैसे बाबा ला रहे थे, वो इन्कम टैक्स ने पकड लिये गये हैं तथा पैसों को छुडाने के एवज में उन्होंने 6 करोड रूपये की मांग की जा रही है, जिसमें से आधे पैसों का इन्तेजाम वादी से करने को कहा गया तथा इन्कम टैक्स से पैसा न छूटने की परिस्थिती में सौदा रद्द होने तथा वादी ने पूर्व में दिया गया पैसा भी डूबने का डर दिखाया गया।
जिस पर वादी द्वारा अपने मित्रों व रिश्तेदारों से पैसा उधार लेकर लगभग 3 करोड रूपये उन्हें दिये गये, तत्पश्चात आरोपियों उन्हें कुछ समय बाद रजिस्ट्री कराने का झांसा देकर टालमटोल किया जाने लगा। वादी ने करनाल जाकर जब भूमि के सम्बन्ध में जानकारी की गई तो उसे ज्ञात हुआ कि यह भूमि पूर्व से ही बैंक में बन्धक है तथा आरोपियों ने भूमि के कूटरचित दस्तावेज दिखाकर अलग-अलग तिथियों में वादी से लगभग 7 करोड 32 लाख रूपये की धोखाधडी की गयी ।

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